नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ: वैज्ञानिक दीपक शर्मा ने बताया कि बसंत का मतलब क्या केवल पतंग उड़ाना ही होता हैं या फिर और भी कई मायने हैं. नई पीढ़ी को जानना बहुत जरूरी हैं. बसंत पंचमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। यह त्योहार हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जनवरी या फरवरी में पड़ता है।
बसंत पंचमी का महत्व:
बसंत पंचमी का त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है, जो नई जिंदगी और नवीनता का प्रतीक है। यह त्योहार देवी सरस्वती की पूजा के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो ज्ञान, संगीत और कला की देवी हैं।
बसंत पंचमी की कथा:
बसंत पंचमी की कथा के अनुसार, यह त्योहार भगवान ब्रह्मा द्वारा सृष्टि की रचना के अवसर पर मनाया जाता है। कथा के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने वसंत ऋतु में सृष्टि की रचना की थी और इस अवसर पर उन्होंने देवी सरस्वती की पूजा की थी।
बसंत पंचमी की पूजा विधि:
बसंत पंचमी की पूजा विधि में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:
1. स्नान और पूजा की तैयारी करें।
2. देवी सरस्वती की पूजा करें और उन्हें फूल, फल और मिठाई चढ़ाएं।
3. वेदों और पुराणों का पाठ करें।
4. संगीत और नृत्य का आयोजन करें।
5. परिवार और मित्रों के साथ मिलकर त्योहार का आनंद लें।
बसंत पंचमी का महत्व:
बसंत पंचमी का त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है, जो नई जिंदगी और नवीनता का प्रतीक है। यह त्योहार देवी सरस्वती की पूजा के लिए भी महत्वपूर्ण है,
आज ही के दिन बसंत भी रखा जाता हैं जहां होली जलाई जाती हैं वो स्थान भी निर्धारीत किया जाता हैं
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