-तिलक
पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल और मेरठ चलचित्र सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ नवांकुर फिल्म महोत्सव
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ।
वर्तमान समय में लड़ाई विचारों की है, हथियारों की नहीं। अपने विचारों को विजय
बनाने के लिए मर्यादा भी तय करनी होगी। किसी को परास्त करना विजय होना नहीं है, क्योंकि विजय प्राप्त करने के लिए किसी को समाप्त करना होता है। हमें
किसी को मारना नहीं है। आजकल दो चीजें चल रही है नेरेटिव और विमर्श, नेरेटिव बनाने वाले वर्तमान में परेशान हैं। यह बात तिलक
पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल और मेरठ चलचित्र सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित
नवांकुर फिल्म महोत्सव में मुख्य वक्ता पदम सिंह क्षेत्र प्रचार प्रमुख राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ ने कही।
उन्होंने
कहा कि हमें तय करना होगा कि बुरा और अच्छा क्या है? फिल्में भावना और संवेदना जोड़ने का काम
करती हैं। यह लंबे समय तक हमें प्रभावित करती है। स्वयं पर, अपनी संस्कृति पर, अपने कुल पर हमें गर्व करना चाहिए। मैं हमेशा समाप्त होता
है। सामने वाले को जीवन देना हमारा चिंतन है। यह शब्द बोलने के लिए नहीं जीने के
लिए है। उन्होंने कहा कि विचार करना चाहिए कि फिल्मों के माध्यम से सनातन, संस्कृति को समाज तक कैसे पहुंचाया जा सकता है। कुंभ से अनेक
प्रकार के विषय विचारों को फिल्मों के माध्यम से समाज के बीच को चाहने का कार्य करें। उन्होंने फिल्म छावा का उदाहरण देते हुए कहा कि इसमें संभाजी महाराज और
औरंगजेब के बीच संवाद दिखाया गया है, जिसमें संभाजी स्वराज की परिभाषा
बताते हैं। यह हमें सिखाता है कि "हमें अपनी पहचान और विचारधारा को दृढ़ता से
स्थापित करना चाहिए। इसी तरह, फिल्मों के माध्यम से हमें यह तय
करना चाहिए कि हमारा भारत कैसा दिखे और किस दिशा में आगे बढ़े।
कार्यक्रम
की अध्यक्षता कर रही चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर संगीता
शुक्ला ने कहा कि अवार्ड लेना बड़ी बात नहीं है, आपने इसमें भाग लिया यह महत्वपूर्ण बात है। फिल्म बनाने के लिए बहुत पढ़ना पड़ता है, समाज को
देखना और समझना पड़ता है, तब जाकर एक फिल्म बनती है और समाज
को मैसेज देती है। शॉट फिल्म बनाना बहुत कठिन है। तिलक
पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल के निदेशक प्रोफेसर प्रशांत कुमार ने स्वागत भाषण
में बताया कि नवांकुर फिल्म फेस्टिवल की यात्रा 2018 में शुरू हुई थी। इस फेस्टिवल का उद्देश्य नवोदित फिल्म
निर्माताओं को एक सशक्त मंच प्रदान करना है, जहाँ वे अपनी क्रिएटिविटी को
दर्शकों तक पहुँचा सकें। इस पहल को सफल बनाने के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय
और मेरठ चलचित्र सोसाइटी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस
अवसर पर सुरेन्द्र कुमार, डॉक्टर यशवेंद्र वर्मा, वीनस शर्मा, वेदव्रत आर्य, संजीव गर्ग, सुनील सिंह, पंकज शर्मा, डॉक्टर विवेक त्यागी, विश्वमोहन नौटियाल, डॉक्टर मनोज श्रीवास्तव, डॉक्टर दीपिका वर्मा, डॉक्टर बीनम यादव, डॉक्टर मनु कौशिक, सुंदर चंदेल, प्रशासनिक अधिकारी मितेंद्र कुमार गुप्ता, राकेश कुमार, ज्योति वर्मा आदि मौजूद रहे।
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