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Saturday, February 1, 2025

किसान नेता बोले, अन्नदाता को कर्जदार बनाने की साज़िश: लोन से बाजार उठेगा, मगर किसान नहीं


अर्जुन देशवाल
नित्य संदेश, बहसूमा। शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 पेश कर दिया है. वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए कई घोषणाएं की है। 

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, दलहन में आत्मनिर्भरता, बिहार में मखाना बोर्ड बनाने और असम में यूरिया प्लांट खोलने का ऐलान किया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को अब तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया है।किसान नेता अरविंद चौधरी चौधरी कहते हैं, बजट में अन्न दाता को कर्जदार बनाने की साजिश रची जा रही है किसानों को लोन देने की बात हो रही है अनुदान देने की नहीं। बजट में एमएसपी का जिक्र तक नहीं है। किसानों की आय डबल करने के बात कहां तक पहुंची है, केंद्र सरकार इस बाबत चुप है।

क्या कहते हैं अनूसूचित मोर्चा के जिला अध्यक्ष विपेंद्र सुधा वाल्मीकि
भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित मोर्चा के जिलाध्यक्ष विपेंद्र सुधा वाल्मीकि ने बजट के बारे में कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत ऐसे 100 जिलों को चुना जाएगा जहां पर कृषि उत्पादकता कम है इससे वहां पर उत्पादकता बढ़ाने, खेती में विविधता लाने, सिंचाई और उपज के बाद भंडारण की क्षमता मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा। इसके दायरे में सभी तरह के किसान आएंगे। कृषि के अच्छे तरीकों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा।

क्या कहते हैं प्रदेश सचिव समाजवादी पार्टी सुदेशपाल 
प्रदेश सचिव सुदेशपाल सिंह कहते हैं अन्नदाताओं द्वारा लंबे समय तक एमएसपी के लिए संघर्ष किया जा रहा है सरकार ने इसके लिए कमेटी बनाई है, लेकिन बजट में इस बाबत कुछ नहीं कहा गया बजट में किसान कहां पर है बड़ा सवाल यह उठता है भारत तो कृषि प्रधान देश है यहां पर किसान को लोन देने की बात हो रही है लेकिन उसे फसलों के उचित दाम मिले इस पर सरकार मौन है। एमएसपी की कानूनी गारंटी कहां पर है किसानों को लोन देकर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है इससे क्या किसान का भला हो जाएगा। वह तो और ज्यादा कर्जदार होगा।

क्या कहते हैं किसान नेता सनी चौधरी 
किसान नेता सनी चौधरी ने कहा कि एमएसपी की गारंटी के लिए कानून पर कोई बात नहीं हुई। इसमें बढ़ोतरी की बात तो छोड़ ही दीजिए सरकार स्वामीनाथन रिपोर्ट से दूर भागती है। किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई, लेकिन किसान का लोन दोगुना होने की तरफ बढ़ रहा है। किसानों के बच्चे खेती से भाग रहे हैं। वजह, उनके लिए यह घाटे का सौदा साबित हो रहा है सनी चौधरी ने कहा कि किसानों का कर्जदार बनाया जा रहा है अगर वह लोन वापस नहीं करेगा तो उसे नया नहीं मिलेगा किसानों को लोन देने का सीधा मकसद है कि सरकार मार्केट को बूस्ट करना चाहती है। जब किसान लोन की राशि समय पर नहीं चुका पाएगा तो वह संकट में आ जाएगा। सरकार ने केवल बाजार का फायदा देखा है।

क्या कहते हैं किसान नेता अरविंद चौधरी 
किसान नेता अरविंद चौधरी ने कहा कि सरकार ने अपने बजट में उधारी ही तो बढ़ाई है। लोन की सीमा बढ़ा दी है। अनुदान तो नहीं बढ़ाया है एक ही जमीन पर अन्नदाता कई बार लोन लेता है अब लोन की सीमा बढ़ाने से किसान का भला कैसे होगा विभिन्न परिस्थितियों में लोन का रेट 3 से 9% तक चला जाता है उद्योगपति तो लोन लेकर भाग जाते हैं लेकिन किसान कहां भागेगा उसकी जमीन तो यहीं पर रहेगी किसानों को उम्मीद थी कि बजट में एमएसपी को लेकर सरकार कोई बड़ी घोषणा करेगी लेकिन बजट में किसानों के हाथ पूरी तरह खाली है ऐसा लगा कि वित्त मंत्री के बजट में किसानों को जानबूझकर नजर अंदाज किया गया है। एमएसपी की गारंटी के लिए कानून पर कोई बात नहीं हुई। इसमें बढ़ोतरी की बात तो छोड़ ही दिजिए सरकार स्वामीनाथन रिपोर्ट से दूर भागती है किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई लेकिन किसान का लोन दोगुना होने की तरफ बढ़ रहा है। किसानों के बच्चे खेती से भाग रहे हैं वजह,उनके लिए यह घाटे का सौदा साबित हो रहा है किसानों को कर्जदार बनाया जा रहा है। किसान नेता अरविंद चौधरी ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गत वर्ष जुलाई में बजट पेश करते हुए कृषि क्षेत्र के लिए कई घोषणाएं की थी सरकार ने कृषि एवं उससे जुड़े विभिन्न सेक्टरों के लिए 1.52 लाख करोड रुपए मंजूर किए थे तब कहा गया था कि केंद्र सरकार 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए तैयार करेगी पांच राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी होंगे नाबार्ड के जरिए किसानों की मदद होगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करने पर सरकार का फोकस रहेगा। अरविंद चौधरी ने कहा कि साल 2016 में सरकार ने यह घोषणा की थी कि अगले 5 साल में किसानों की आए डबल हो जाएगी अब 2025 का बजट पेश हो गया है इसमें कम से कम इतना तो बता देते की डबल आय की घोषणा अभी कहां तक पहुंची है इस घोषणा के पूरा होने में अभी कितने वर्ष और लगेंगे वित्त मंत्री ने अपने बजट में किसानों की स्थिति को लेकर कुछ नहीं कहा।

क्या कहते हैं समाजसेवी शैलू चौधरी 
समाज सेवी शैलू चौधरी ने बजट 2025 की तारीफ की उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग को 12 लाख रुपए तक की आय पर आयकर से छूट की घोषणा प्रशंसनीय है ऐसे कई प्रावधान है विपक्ष शोर मचा रहे थे मध्यवर्ग के लिए कुछ नहीं है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है।

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