नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज के परिसर स्थित लॉन में बसंत पंचमी का त्योहार प्राचार्य डॉ आर सी गुप्ता की अध्यक्षता में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम का आरंभ विधिवत पूजा अर्चना के साथ किया गया। प्राचार्य डॉ आरसी गुप्ता ने बताया कि बसंत पंचमी हिंदू धर्म के सबसे खास त्योहारों में से एक है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह त्योहार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू परंपराओं के अनुसार पूरे वर्ष को छह ऋतुओं में बांटा गया है, जिसमें वसंत को सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है। जिस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत होती है, उस दिन को वसंत पंचमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है।
अस्थि रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ ज्ञानेश्वर टांक ने बताया कि वसंत पंचमी जीवन में नई चीजें शुरू करने का एक शुभ दिन है। इस मौसम में पेड़ों पर नव कोपलें आनी शुरू हो जाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन माता सरस्वती प्रकट हुई थीं इसलिए इस दिन वसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता की विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। मां सरस्वती को विद्या एवं बुद्धि की देवी माना जाता है।
बायोकेमिस्ट्री विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ कृष्ण गोपाल ने कहा कि धार्मिकता के साथ इस पर्व के पर्यावरणीय महत्व भी हैं। इस ऋतु के साथ मौसम की चाल बदलने लगती है। शाम भी खुशगवार हो रही होती है। नव पल्लव के साथ मौसम में बदलाव स्पष्ट नजर आने लग जाता है। ठंड में मुरझाए हुए पेड़-पौधे, फूल आंतरिक अग्नि को प्रज्ज्वलित कर नए सृजन की तरफ बढ़ते हैं। खेतों में फसल वातावरण को खुशनुमा बना देती है। ये नव सृजन का संकेतक पर्व है, ये नव ऊर्जा के संचार के पर्व है।
कार्यक्रम में उपस्थिति सभी सदस्यों ने पतंग उड़ाकर मनोरंजन भी किया। उपरोक्त कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के संकाय सदस्य,कर्मचारीगण एवं विभिन्न पाठ्यक्रमों के विद्यार्थीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु प्राचार्य ने बायोकेमिस्ट्री विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ कृष्ण गोपाल व उनकी टीम को शुभकामनाएँ दी।
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